रविवार, 1 अगस्त 2010

आज फ्रैंडशिप डे है।

आज फ्रैंडशिप डे है। दोस्तों के संदेश मोबाइल के इनबॉक्स में लगातार आ रहे हैं। मेरी भी कोशिश है कि हर दोस्त को एक मैसेज तो भेज ही दूं। लेकिन कई को नहीं भेज पाया हूं और कई छूट गए हैं। इन सबके बीच में बस दिमाग में एक ही बात चल रही है कि क्या दोस्ती को भी दिन की जरूरत होती है? क्या संदेश भेजने से ही दोस्ती और दोस्तों की पहचान होती है? अगर हां तो फिर मैं किसी का दोस्त नहीं हूं। दोस्तों की पहचान जरूरत के वक्त होती है और शायद में उन खुशनसीब लोगों में हूं, जिन्हें जरूरत के वक्त दोस्तों की पूरी फौज का साथ मिलता है। वो भी ऐसे दोस्तों का जिन्हें दोस्ती के लिए दिखावे की जरूरत नहीं है। ....................जय हो।

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